श्रीनगर, (वेब वार्ता)। जम्मू-कश्मीर की डल झील की सुरम्य पृष्ठभूमि में एक साहित्यिक उत्सव की गूंज फिर से सुनाई देने वाली है। श्रीनगर में नौ दिवसीय ‘चिनार पुस्तक महोत्सव’ का दूसरा संस्करण शनिवार से शुरू होने जा रहा है। इस भव्य आयोजन में देशभर से 200 से अधिक प्रकाशक, लेखक, साहित्यप्रेमी और स्थानीय कलाकार भाग लेंगे।
इस महोत्सव का उद्घाटन केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा द्वारा किया जाएगा। आयोजन स्थल एसकेआईसीसी (SKICC) होगा, जो डल झील के किनारे स्थित है। आयोजन की तिथि 2 अगस्त से 10 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।
क्या है खास इस बार?
आयोजकों के अनुसार, पिछले वर्ष के उद्घाटन संस्करण को मिली उत्साहजनक प्रतिक्रिया के बाद इस वर्ष का संस्करण अधिक समावेशी, भाषाई रूप से समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से विविध होगा। इसका उद्देश्य पढ़ने की संस्कृति को प्रोत्साहित करना, भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और सांस्कृतिक संवाद के लिए मंच प्रदान करना है।
📚 प्रदर्शित होंगी विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें
इस वर्ष मेले में अंग्रेज़ी, हिंदी, उर्दू, कश्मीरी और अन्य भारतीय भाषाओं में पुस्तकें प्रदर्शित की जाएंगी। बच्चों की किताबों से लेकर शैक्षणिक सामग्री, क्षेत्रीय साहित्य, और डिजिटल पब्लिकेशन तक – सभी आयु वर्ग के पाठकों को ध्यान में रखकर समृद्ध संग्रह प्रस्तुत किया जाएगा।
✨ सांस्कृतिक और साहित्यिक गतिविधियों की भरमार
राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक युवराज मलिक ने जानकारी दी कि यह आयोजन एक साधारण पुस्तक मेला नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक-साहित्यिक उत्सव है, जिसमें प्रतिदिन तीन सत्र होंगे:
सुबह: बच्चों की गतिविधियाँ और रचनात्मक कार्यशालाएँ
दोपहर: लेखक संवाद, पुस्तक विमोचन, परिचर्चा
शाम: सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ जिसमें स्थानीय कलाकार भाग लेंगे
🖋️ भाषाई समावेश की पहल
इस महोत्सव में विशेष रूप से ‘प्राचीन शारदा लिपि’ पर राष्ट्रीय प्रदर्शनी और पहली गोजरी अनुवाद कार्यशाला आयोजित की जाएगी। यह कार्यशाला हिंदी, उर्दू, डोगरी, कश्मीरी और अंग्रेजी जैसी भाषाओं में द्विभाषीय पुस्तकों को बढ़ावा देगी।
🇮🇳 ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ पहल के तहत तमिल-कश्मीरी संवाद
‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम के तहत एक तमिल-कश्मीरी सांस्कृतिक संवाद आयोजित किया जाएगा जो दोनों राज्यों की सांझी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करेगा।
🎟️ निःशुल्क प्रवेश और विशेष छूट
आयोजकों ने बताया कि:
महोत्सव में प्रवेश पूर्णतः निःशुल्क रहेगा
पुस्तकों पर विशेष छूट भी दी जाएगी
बच्चों और युवाओं को पठन गतिविधियों से जोड़ने के लिए विशेष सत्र रखे गए हैं
📝 आयोजकों की प्रतिक्रिया
राष्ट्रीय उर्दू भाषा संवर्धन परिषद के निदेशक शम्स इकबाल ने कहा:
“यह महोत्सव जम्मू-कश्मीर में ज्ञान की संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं, बल्कि सांस्कृतिक एकता और बौद्धिक विमर्श का उत्सव है।”
निष्कर्ष
‘चिनार पुस्तक महोत्सव‘ न केवल साहित्य का उत्सव है, बल्कि यह संवाद, विविधता और एकता का प्रतीक बन चुका है। डिजिटल युग में भी पुस्तकों के महत्व को बनाए रखना और भाषाई विविधता का उत्सव मनाना इस महोत्सव का मुख्य उद्देश्य है।
इस आयोजन से जम्मू-कश्मीर की सांस्कृतिक, भाषाई और शैक्षिक पहचान को नया आयाम मिलेगा और क्षेत्र में साहित्यिक पुनर्जागरण का द्वार खुलेगा।
A press conference was held by Shri Yuvraj Malik, Director of the National Book Trust, India. The conference focused on the upcoming Chinar Book Festival in SKICC, Srinagar.
Dr Shams Equbal, Director, NCPUL, co-organiser, Shri Nitish Rajoria, Director, Information, Govt of J&K… pic.twitter.com/KmsY6U5ePj
— National Book Trust, India (@nbt_india) August 1, 2025