कुशीनगर, ममता तिवारी (वेब वार्ता)। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जनपद में उर्वरकों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने हेतु भारत सरकार एवं जिला उर्वरक निरीक्षकों की संयुक्त टीम द्वारा थोक एवं फुटकर बिक्री केंद्रों पर निरीक्षण और छापेमारी की गई। इस कार्रवाई के अंतर्गत रामकोला स्थित में० रामऔतार केडिया तथा पडरौना स्थित में० आई० सी० अग्रवाल एंड संस के प्रतिष्ठानों से दो उर्वरकों के नमूने लिए गए, जिन्हें परीक्षण हेतु सी०आई०एल० फरीदाबाद भेजा गया है।
खादों की गुणवत्ता जांच की गंभीरता से हो रही है समीक्षा
कृषि विभाग द्वारा इस तरह की कार्रवाई का उद्देश्य जनपद में किसानों को गुणवत्तापूर्ण खाद उपलब्ध कराना और मिलावटी व नकली उर्वरकों पर रोक लगाना है। इससे एक ओर जहाँ उपज की गुणवत्ता में सुधार होगा, वहीं दूसरी ओर कृषकों का विश्वास भी कायम रहेगा।
जनपद में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता
जिला कृषि अधिकारी डॉ. मेनका सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कुशीनगर में उर्वरकों की कोई कमी नहीं है। वर्तमान में जनपद में निम्न उर्वरक मात्रा उपलब्ध है:
यूरिया: 5218 मी. टन
डीएपी (DAP): 3294 मी. टन
एमओपी (MOP): 1109 मी. टन
एसएसपी (SSP): 5310 मी. टन
एनपीकेएस (NPKS): 3839 मी. टन
इसके अतिरिक्त, 01 अगस्त 2025 को इफको (IFFCO) से 1300 मी. टन यूरिया प्राप्त हुई है। वहीं, सीआईएल कंपनी से 850 मी. टन यूरिया और प्राप्त हो रही है, जिसमें से 650 मी. टन पीसीएफ को आवंटित की गई है।
समितियों और फुटकर विक्रेताओं को किया जा रहा है आवंटन
इस यूरिया को प्राथमिकता के आधार पर साधन सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र के फुटकर विक्रेताओं को वितरित किया जा रहा है:
650 मी. टन यूरिया पीसीएफ के माध्यम से समितियों को भेजा जा रहा है।
200 मी. टन यूरिया निजी फुटकर विक्रेताओं के माध्यम से किसानों तक पहुँचेगा।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण जानकारी
डॉ. मेनका सिंह ने किसानों को सूचित किया कि:
“उर्वरकों की बिक्री सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक ही होगी। किसान भाई संस्तुत मात्रा में ही उर्वरक क्रय करें, ताकि सभी कृषकों को लाभ मिल सके और भंडारण की आवश्यकता न पड़े।”
निष्कर्ष
कुशीनगर में कृषि विभाग द्वारा की गई सक्रियता और गुणवत्ता नियंत्रण की दिशा में उठाए गए कदम किसानों के हित में एक सराहनीय पहल हैं। समय पर पर्याप्त और गुणवत्ता युक्त खाद की उपलब्धता सुनिश्चित कर जनपद प्रशासन किसानों की चिंता को दूर कर रहा है।