नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत में उपराष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया अब औपचारिक रूप से शुरू हो गई है। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को घोषणा की कि देश के नए उपराष्ट्रपति का चुनाव 9 सितंबर 2025 को कराया जाएगा। जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफा देने के बाद यह पद रिक्त हो गया था।
आयोग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 7 अगस्त को चुनाव की अधिसूचना जारी की जाएगी, और नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त होगी। मतदान और परिणाम दोनों 9 सितंबर को ही घोषित किए जाएंगे।
धनखड़ के इस्तीफे से रिक्त हुआ पद
पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत इस्तीफा दिया। अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि चिकित्सकों की सलाह का पालन करने के लिए वे यह निर्णय ले रहे हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया क्या होती है?
भारत के संविधान के अनुच्छेद 66(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें शामिल होते हैं:
लोकसभा के निर्वाचित सदस्य
राज्यसभा के निर्वाचित व मनोनीत सदस्य
चुनाव में प्राथमिकता आधारित एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote) का उपयोग होता है। यह एक गुप्त मतदान प्रक्रिया होती है, जहां सांसद अपनी पसंद के अनुसार प्राथमिकताएं अंकित करते हैं।
कौन डालते हैं वोट?
राज्यसभा के 245 में से 240 प्रभावी सदस्य
लोकसभा के 543 में से 542 प्रभावी सदस्य (1 सीट रिक्त)
इस प्रकार कुल 782 सदस्य मतदान के पात्र होंगे, और चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को कम से कम 391 वोट की आवश्यकता होगी।
राजनीतिक दलों का समीकरण क्या कहता है?
लोकसभा में भाजपा नीत एनडीए को 293 सांसदों का समर्थन है।
राज्यसभा में 129 सांसदों का समर्थन एनडीए को प्राप्त है (यदि मनोनीत सदस्य भी साथ दें)।
कुल मिलाकर, एनडीए के पास 422 सांसदों का समर्थन है, जिससे उन्हें चुनाव में बढ़त मिलती नजर आ रही है।
उपराष्ट्रपति बनने के लिए आवश्यक योग्यता
भारतीय संविधान के अनुसार, उपराष्ट्रपति बनने के लिए उम्मीदवार में निम्नलिखित योग्यताएं होनी चाहिए:
भारत का नागरिक होना चाहिए।
आयु कम से कम 35 वर्ष होनी चाहिए।
राज्यसभा का सदस्य बनने की पात्रता होनी चाहिए।
किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए (जैसे सरकारी सेवा आदि)।
उपराष्ट्रपति की भूमिका क्या होती है?
राज्यसभा का सभापति: उपराष्ट्रपति राज्यसभा की कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं।
कार्यवाहक राष्ट्रपति: राष्ट्रपति के अस्थायी अनुपस्थित रहने, इस्तीफा देने या मृत्यु होने की स्थिति में उपराष्ट्रपति कार्यवाहक राष्ट्रपति बनते हैं।
परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य
छात्रों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए यह विषय बेहद महत्वपूर्ण है। UPSC, SSC, PCS जैसी परीक्षाओं में उपराष्ट्रपति से जुड़े प्रश्न बार-बार पूछे जाते हैं।
❓ महत्वपूर्ण प्रश्न:
उपराष्ट्रपति का कार्यकाल कितना होता है?
👉 5 सालउपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
👉 संसद के दोनों सदनों के सदस्य (विधानसभा नहीं)उपराष्ट्रपति की सबसे प्रमुख भूमिका?
👉 राज्यसभा का सभापति
निष्कर्ष
भारत में उपराष्ट्रपति का चुनाव एक पूर्णतः संवैधानिक, लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है। इस बार का चुनाव राजनीतिक दृष्टिकोण से इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि धनखड़ ने कार्यकाल से पहले इस्तीफा देकर एक नई स्थिति उत्पन्न कर दी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सत्तारूढ़ गठबंधन किस चेहरे को सामने लाता है और विपक्ष क्या रणनीति अपनाता है।