सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। हरियाणा सरकार द्वारा जारी किए गए वर्ष 2025-26 के नए कलेक्टर रेट एक अगस्त से पूरे राज्य में प्रभावी हो गए हैं। इसके चलते सोनीपत जिले में शुक्रवार को रजिस्ट्री प्रक्रिया पूरी तरह से ठप रही, जिससे आम नागरिकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। रजिस्ट्री काउंटरों पर नियुक्त अधिकारी—एसडीएम, डीआरओ और तहसीलदार—तीनों के कार्यालयों में कोई रजिस्ट्री नहीं हो सकी और सारे रजिस्ट्री टोकन निरस्त कर दिए गए।
कलेक्टर रेट में 10% से 50% तक की बढ़ोतरी
नए कलेक्टर रेट के अनुसार, ज़िले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में 10 प्रतिशत से लेकर 50 प्रतिशत तक रेट में वृद्धि की गई है। इससे न केवल संपत्ति खरीदने वालों पर प्रभाव पड़ेगा, बल्कि बाजार में चलन भी प्रभावित होगा।
उपायुक्त सुशील सारवान ने इस बाबत स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि सभी अधिकारी नई दरों के अनुरूप ही रजिस्ट्री सुनिश्चित करें। कोई भी अनियमितता पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
सुझाव और आपत्तियां आमंत्रित
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति को नए कलेक्टर रेट को लेकर कोई आपत्ति या सुझाव है, तो वह उपमंडल अधिकारी नागरिक कार्यालय, तहसीलदार या नायब तहसीलदार के कार्यालय में लिखित में साक्ष्य सहित अपनी बात प्रस्तुत कर सकता है। बिना प्रमाण के दावे को मान्यता नहीं दी जाएगी।
नई दरें वेबसाइट पर उपलब्ध
जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए सभी नए कलेक्टर रेट जिला प्रशासन द्वारा जिला वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं। नागरिक यहां से अपनी संबंधित संपत्ति का मूल्यांकन कर सकते हैं।
अधिकारियों की उपस्थिति और व्यवहार पर भी सख्ती
उपायुक्त ने उपस्थित सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे समय पर कार्यालय में उपस्थित रहें और जनता के प्रति व्यवहार विनम्र और सहयोगी रखें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक जो किसी सरकारी कार्य हेतु आता है, उसका सम्मानपूर्वक मार्गदर्शन किया जाना चाहिए।
बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर आयोजित समीक्षा बैठक में जिले के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे:
एसडीएम गोहाना – अंजलि श्रोत्रिय
एसडीएम सोनीपत – सुभाष चंद्र
एसडीएम खरखौदा – डॉ. निर्मल नागर
एसडीएम गन्नौर – प्रवेश कादियान
डीआरओ – कनव लाकड़ा
डीआईओ – विशाल सैनी
निष्कर्ष:
कलेक्टर रेट में वृद्धि का सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा, विशेषकर उन लोगों पर जो जमीन या संपत्ति की खरीद-बिक्री की योजना बना रहे हैं। एक ओर जहां इससे सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्री प्रक्रिया में पारदर्शिता और अनुशासन भी सुनिश्चित किया जा सकेगा। प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि आम नागरिकों को अत्यधिक मूल्य वृद्धि के कारण परेशानी न हो, और प्रक्रिया सरल, सुलभ व पारदर्शी बनी रहे।