नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क और जुर्माना लगाए जाने के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार की चुप्पी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने इसे भारत की “सामरिक स्वायत्तता पर सीधा हमला” बताते हुए कहा कि विपक्ष इस संकट की घड़ी में देश के साथ खड़ा है।
🗣️ खरगे का तीखा सवाल: क्या प्रधानमंत्री ट्रंप के आरोपों पर चुप रहेंगे?
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि:
“युद्धविराम को लेकर ट्रंप के बयानों पर मोदी जी संसद में मौन थे। अब भारत पर 25% शुल्क और जुर्माना लगाने जैसे बेबुनियाद आरोपों पर भी क्या वे चुप रहेंगे?”
उन्होंने कहा कि यह कोई सामान्य व्यापारिक मसला नहीं बल्कि भारत की विदेश नीति, राष्ट्रीय सम्मान और रणनीतिक स्थिति पर सीधा हमला है।
📉 ट्रंप की व्यापारिक नीति से भारत को नुकसान
खरगे ने आरोप लगाया कि ट्रंप द्वारा लगाए गए शुल्क का असर एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग), किसानों, और रोज़गार देने वाले क्षेत्रों पर बुरा पड़ेगा।
“कई उद्योगों को भारी क्षति होगी। यह व्यापारिक दबाव नहीं, रणनीतिक धमकी है।”
खरगे ने यह भी कहा कि भारत की स्वतंत्र विदेश नीति, जो गुटनिरपेक्षता के सिद्धांत पर आधारित रही है, अब खतरे में है।
🤝 “नमस्ते ट्रंप” का जवाब शुल्क में क्यों?”
खरगे ने तंज कसते हुए कहा:
“आपके (मोदी) दोस्त ‘नमस्ते ट्रंप’ और ‘अबकी बार, ट्रंप सरकार’ ने आपकी दोस्ती का हमारे देश को ये सिला दिया?”
खरगे के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति की आपत्ति यह है कि भारत:
रूस से तेल और हथियार खरीदता है
ब्रिक्स का सदस्य है
ब्रिक्स अमेरिकी डॉलर पर विकल्प तैयार कर रहा है
उन्होंने कहा कि ये बातें बताती हैं कि अमेरिका-चीन-पाकिस्तान जैसे गठजोड़ भारत की स्वतंत्र नीति को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
⚖️ मनमोहन सिंह सरकार की विदेश नीति का उल्लेख
खरगे ने कहा कि यूपीए सरकार के समय में मनमोहन सिंह ने अमेरिका समेत 45 देशों से परमाणु रियायतें दिलवाई थीं, लेकिन भारत कभी किसी एक राष्ट्र पर आश्रित नहीं रहा। भारत की नीति विकल्पों को खुला रखने की रही है।
“आज की सरकार की विदेश नीति ने उस संतुलन को तोड़ दिया है।”
📍 भारत की सामरिक स्वायत्तता पर चोट
खरगे ने ट्रंप के बयान को भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के लिए गंभीर खतरा बताया। उन्होंने कहा कि गुटनिरपेक्ष आंदोलन भारत की ऐतिहासिक पहचान है, और सभी सरकारों ने उसे बनाए रखा, लेकिन मौजूदा सरकार के तहत यह संतुलन खतरे में है।
“देश सबसे पहले है, और हम देश के साथ हैं।”