शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), राम निवास शर्मा | (वेब वार्ता)
उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की तहसील जलालाबाद अंतर्गत गांव कुईरी के ग्रामीणों ने मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय कुईरी को समसीपुर विद्यालय में मर्ज किए जाने के विरोध में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। दोपहर 2 बजे से तहसील मुख्यालय पर एकत्रित हुए दर्जनों ग्रामीणों ने शासन के इस निर्णय को बच्चों के शिक्षा अधिकार पर कुठाराघात बताया और उप जिलाधिकारी प्रभात राय को ज्ञापन सौंपा।
क्या है पूरा मामला
राज्य सरकार की योजना के अनुसार, ऐसे प्राथमिक विद्यालय जिनमें नामांकित छात्रों की संख्या 50 से कम है, उन्हें समीपवर्ती स्कूलों में मर्ज किया जा रहा है। इसका उद्देश्य संसाधनों का बेहतर उपयोग और शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार बताया गया है।
ग्रामीणों का दावा है कि प्राथमिक विद्यालय कुईरी में वर्तमान में 57 छात्र पंजीकृत हैं। बावजूद इसके, इस विद्यालय को समीपवर्ती समसीपुर विद्यालय में मर्ज करने का निर्णय लिया गया है।
ग्रामीणों की आपत्ति
ग्रामीणों के अनुसार:
समसीपुर विद्यालय की इमारत बहुत जर्जर है, जिसकी छतें व दीवारें क्षतिग्रस्त हैं।
विद्यालय के भवन में पर्याप्त कमरे नहीं हैं, जिससे कक्षा संचालन बाधित होगा।
कुईरी और समसीपुर के बीच एक बड़ा तालाब स्थित है, जो बच्चों के आवागमन में जोखिम पैदा करता है।
मर्ज किए जाने से दलित, पिछड़े और गरीब तबके के बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित होना पड़ेगा।
ग्रामीणों ने दी चेतावनी
ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि अगर शासन ने इस फैसले को वापस नहीं लिया, तो वे अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन करेंगे और मुख्यमंत्री कार्यालय व शिक्षा विभाग लखनऊ तक अपनी आवाज़ पहुंचाएंगे।
मुख्यमंत्री और शिक्षा महानिदेशक के आदेश का हवाला
ज्ञापन में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस ट्वीट का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने स्पष्ट किया था कि 50 या अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों को मर्ज नहीं किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, महानिदेशक शिक्षा, लखनऊ के आदेश का भी हवाला दिया गया, जिसमें इसी नीति का समर्थन किया गया है।
क्या कहता है शिक्षा विभाग?
शासन की योजना के अनुसार छोटे विद्यालयों को समेकित कर शिक्षकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने और संसाधनों के कुशल प्रयोग की बात कही गई है। हालांकि, ग्राउंड रियलिटी को देखते हुए कई बार जनहित में अपवाद भी लागू किए जाते हैं।
ग्रामीणों की मांगें
कुईरी विद्यालय को मर्ज करने का आदेश तत्काल वापस लिया जाए।
समसीपुर विद्यालय का भौतिक सत्यापन कर उसकी अस्थिर इमारत पर निर्णय लिया जाए।
बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से तालाब पार आवागमन को खतरे को प्राथमिकता पर माना जाए।