नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के गंभीर आरोपों की जांच कर रही सीबीआई ने अब लोकपाल को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। यह मामला भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें महुआ के साथ-साथ उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी का नाम भी शामिल है।
🔎 क्या है पूरा मामला?
यह विवाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा उठाए गए आरोपों के बाद सामने आया था। दुबे ने लोकपाल से शिकायत की थी कि महुआ मोइत्रा ने हीरानंदानी से नगद, उपहार और अन्य लाभ लेकर:
संसद में गौतम अडानी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जैसे नेताओं के खिलाफ सवाल पूछे
अपना संसद लॉगइन आईडी और पासवर्ड साझा किया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हुआ
अपने सांसद पद के विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया
⚖️ सीबीआई ने क्या कार्रवाई की?
लोकपाल के निर्देश पर सीबीआई ने 21 मार्च 2023 को प्राथमिकी दर्ज की थी, और अब लगभग एक साल बाद अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट लोकपाल को सौंप दी है। अधिकारियों ने बताया कि:
“अब आगे की कार्रवाई लोकपाल द्वारा तय की जाएगी। सीबीआई ने अपनी ओर से जांच का काम पूरा कर लिया है।”
🧑⚖️ लोकसभा से निष्कासन और सुप्रीम कोर्ट की चुनौती
महुआ मोइत्रा को दिसंबर 2023 में “अनैतिक आचरण” के लिए लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, उन्होंने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
इसके बावजूद, महुआ ने 2024 के आम चुनावों में पश्चिम बंगाल की कृष्णानगर सीट से दोबारा जीत हासिल की, और भाजपा की उम्मीदवार अमृता रॉय को हराकर 18वीं लोकसभा में अपनी वापसी की।
📜 भाजपा का आरोप: ‘हायर फॉर फायर’ पॉलिटिक्स?
निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया था कि यह मामला “सवाल पूछने के अधिकार के व्यावसायिक दुरुपयोग” का है। उन्होंने कहा:
“महुआ ने अपने संसदीय विशेषाधिकारों को बेच डाला और एक उद्योगपति के इशारों पर विपक्ष के नाम पर सवाल पूछे।”
💬 महुआ का पक्ष
महुआ मोइत्रा ने पहले कहा था कि यह पूरा मामला:
उन्हें राजनीतिक रूप से बदनाम करने की साजिश है
यह प्रयास है अडानी समूह पर सवाल उठाने वालों को चुप कराने का
“मैंने कोई ग़लत काम नहीं किया है और न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है।”