नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। भारत की प्रथम आदिवासी महिला राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति पद पर अपने तीन वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। इस अवसर पर जारी हुई ई-बुक “Third Year of the President Smt Droupadi Murmu” न केवल बीते वर्षों की उपलब्धियों का दस्तावेज़ है, बल्कि यह लोकतंत्र में समावेशिता, नवाचार और नागरिक सहभागिता की एक प्रेरक झलक भी प्रस्तुत करता है।
दिव्यांगजन के लिए समर्पण: एक समावेशी राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन, अमृत उद्यान और संग्रहालय को अब दिव्यांगजन अनुकूल बना दिया गया है। यह परिवर्तन 50 बिंदुओं की अनुशंसा पर आधारित है, जिसे पं. दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय दिव्यांगजन संस्थान ने सुझाया था। यह पहल भारत को एक समावेशी राष्ट्र के रूप में सशक्त करने की दिशा में एक ठोस कदम है।
प्रौद्योगिकी और बहुभाषिक समावेशन
राष्ट्रपति भवन और राष्ट्रपति की आधिकारिक वेबसाइटों को अब 22 भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया गया है। यह भारत की भाषाई विविधता और डिजिटल समावेशिता को बढ़ावा देने वाला ऐतिहासिक कदम है। इससे अधिक नागरिक सीधे राष्ट्रपति से संवाद स्थापित कर सकेंगे।
जन सहभागिता के नवाचार: ई-उपहार और विज़िटर सुविधाएं
“ई-उपहार सीजन 2” पहल के तहत 250 से अधिक उपहारों की ऑनलाइन नीलामी की गई, जिससे प्राप्त राशि बाल कल्याण योजनाओं में समर्पित की गई। इसके अतिरिक्त, विज़िटर फैसिलिटेशन सेंटर, हैदराबाद के नीलायम निकुंज, मशोबरा में रिसेप्शन, संग्रहालय कैफेटेरिया और जिम जैसी सुविधाओं की शुरुआत ने राष्ट्रपति भवन को जनता के और करीब ला दिया है।
पर्यावरण के प्रति प्रतिबद्धता: नेट जीरो राष्ट्रपति भवन
राष्ट्रपति भवन को मार्च 2027 तक Net Zero Campus बनाने की योजना ने भारत की जलवायु प्रतिबद्धताओं को मूर्त रूप देने की दिशा में बड़ी पहल की है। अक्षय ऊर्जा, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित आवास की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली उपस्थिति
पिछले वर्ष राष्ट्रपति मुर्मू ने कई देशों – फिजी, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, अल्जीरिया, तिमोर-लेस्ते, इटली आदि – की राजकीय यात्राएं कीं। यह भारत की वैश्विक कूटनीति में गरिमा और विविधता को दर्शाता है। इन दौरों के दौरान राष्ट्रपति को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों और मानद उपाधियों से भी नवाज़ा गया।
आदिवासी जुड़ाव और प्रेरक नेतृत्व
“Tribal Connect” जैसी पहलें राष्ट्रपति के व्यक्तिगत जुड़ाव और सामाजिक प्रतिबद्धता को रेखांकित करती हैं। विश्वविद्यालयों में दिए गए व्याख्यान, Purple Fest जैसी समावेशी गतिविधियां और युवाओं के साथ संवाद जैसे कार्यक्रम उनके प्रेरक नेतृत्व का प्रमाण हैं।
तीन वर्षों में जनता के राष्ट्रपति (President of India) का सशक्त स्वरूप
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल न केवल संवैधानिक दायित्वों की पूर्ति है, बल्कि यह लोक सहभागिता, समावेशिता और नवाचार की जीवंत मिसाल बन चुका है। उनके तीन वर्षों ने राष्ट्रपति भवन को एक जन-संवेदनशील संस्था के रूप में पुनर्परिभाषित किया है, और भारत को एक विकसित, समावेशी व आत्मनिर्भर राष्ट्र की ओर अग्रसर किया है।
President’s Estate became Divyangjan-friendly Estate. Rashtrapati Bhavan, Amrit Udyan and Rashtrapati Bhavan Museum became divyangjan-friendly premises after implementing the 50-point recommendation by the Pandit Deendayal Upadhyaya National Institute for Persons with Physical… pic.twitter.com/QOaxji6Avo
— President of India (@rashtrapatibhvn) July 25, 2025
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