Saturday, July 26, 2025
Homeराष्ट्रीयआने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर...

आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे : पीएम मोदी

-भारत-मालदीव संबंधों में नया युग: प्रधानमंत्री मोदी की ऐतिहासिक यात्रा

माले/नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर गुरुवार को मालदीव की राजधानी माले पहुँचे। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़्ज़ू और उनके मंत्रिमंडल ने हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंधों की एक नई ऊँचाई की ओर ले जाने वाला कदम बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आगमन पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व ट्विटर) पर लिखा:

“मैं माले पहुंच गया हूं। मुझे बहुत खुशी है कि राष्ट्रपति मुइज्जू मेरा स्वागत करने के लिए एयरपोर्ट पर आए। मुझे विश्वास है कि आने वाले दिनों में भारत और मालदीव के रिश्ते नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगे।”

विशेष अवसर, विशेष संबंध

यह यात्रा मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के साथ-साथ भारत-मालदीव राजनयिक संबंधों के 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में आयोजित समारोह में भाग लेंगे। यह राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के शासनकाल में किसी भी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा भी है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह यात्रा “भारत की ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति और ‘सागर’ (SAGAR – Security and Growth for All in the Region) दृष्टिकोण” के अनुरूप है, जो समुद्री पड़ोसियों के साथ सहयोग को प्राथमिकता देता है।

आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के बीच द्विपक्षीय वार्ता में बुनियादी ढांचे के विकास, समुद्री सुरक्षा, रक्षा सहयोग, और आर्थिक संपर्क जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। दोनों नेता अक्टूबर 2024 में स्थापित ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।

इस दौरान कई समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर और भारत-समर्थित परियोजनाओं का उद्घाटन भी अपेक्षित है। भारत के उच्चायुक्त जी. बालासुब्रमण्यम ने बताया कि यह यात्रा दोनों देशों के बीच बहुआयामी सहयोग को और गहरा करेगी।

भारत-मालदीव: इतिहास से भविष्य तक

भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, धार्मिक और वाणिज्यिक संबंध सदियों पुराने हैं। 1965 में मालदीव की स्वतंत्रता को सबसे पहले मान्यता देने वालों में भारत अग्रणी रहा। 1988 में मालदीव में हुए तख्तापलट के प्रयास को विफल करने में भारत की सैन्य सहायता ने दोनों देशों के रिश्तों में गहरी विश्वसनीयता की नींव रखी।

पिछले कुछ वर्षों में हालांकि कुछ राजनीतिक तनाव उभरे, खासकर राष्ट्रपति मुइज़्ज़ू के सत्ता में आने के बाद, जिन्होंने भारत की भूमिका को लेकर कुछ संशय जताए थे। लेकिन यह यात्रा संकेत देती है कि दोनों देशों ने पुराने तनावों को पीछे छोड़कर साझेदारी के नए दौर में प्रवेश किया है

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा केवल एक कूटनीतिक औपचारिकता नहीं, बल्कि भारत की क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं की स्पष्ट झलक है। यह यात्रा यह भी दर्शाती है कि भरोसे और सहयोग पर आधारित रणनीति से भारत अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करने के अपने दृष्टिकोण पर अडिग है। आने वाले समय में भारत और मालदीव की यह साझेदारी हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेगी।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

वेब वार्ता समाचार एजेंसी

संपादक: सईद अहमद

पता: 111, First Floor, Pratap Bhawan, BSZ Marg, ITO, New Delhi-110096

फोन नंबर: 8587018587

ईमेल: webvarta@gmail.com

सबसे लोकप्रिय

Recent Comments