सोनीपत, राजेश आहूजा (वेब वार्ता)। जिला बाल कल्याण परिषद, सोनीपत द्वारा शुक्रवार को बाल भवन परिसर में हरियाली तीज महोत्सव बड़ी धूमधाम और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर पूरे परिसर को हरियाली और रंग-बिरंगी सजावट से सजाया गया था, जहां महिलाओं और बालिकाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में त्योहार का आनंद लिया।
कार्यक्रम की शुरुआत जिला बाल कल्याण अधिकारी आरती के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने हरियाली तीज की सांस्कृतिक और धार्मिक महत्ता को रेखांकित करते हुए बताया कि,
“हरियाली तीज का पर्व हरियाणा की संस्कृति में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक है, जो सौभाग्य, समृद्धि और नवचेतना का संदेश देता है।”
लोक नृत्य, संगीत और व्यंजनों से सजी तीज
महोत्सव में हरियाणवी लोक गीत, नृत्य, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने समां बांध दिया। साथ ही, महिलाओं और युवतियों ने मेहंदी रचाई, झूले झूले, और पारंपरिक हरियाणवी व्यंजनों का भी आनंद लिया।
बाल भवन के अंतर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों जैसे सिलाई केंद्र, ब्यूटी केयर सैंटर, लाइब्रेरी, बाल पाठशाला, और डे-केयर सैंटर में भाग ले रही महिलाओं और बच्चियों ने भी इस त्योहार के उल्लास में भागीदारी की।
“तीज बिखेरगी बीज” – परंपरा और प्रेरणा का मेल
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला बाल कल्याण अधिकारी आरती ने कहा,
“तीज का पर्व सालभर के त्योहारों की शुरुआत मानी जाती है। एक कहावत भी है — ‘तीज बिखेरगी बीज’, यानी यह त्योहार नई उमंग और संभावनाओं के बीज बोता है।”
उन्होंने उपस्थित बच्चों और महिलाओं को संदेश दिया कि,
“हर बच्चा प्रतिभाशाली होता है और हमें अपने पारंपरिक त्योहारों को इसी हर्षोल्लास और एकजुटता से मनाते रहना चाहिए। यह हमारी संस्कृति की पहचान हैं।”
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति
इस उत्सव में रूचि स्पेशल स्कूल की प्रिंसिपल मालती शर्मा, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीतू गिल, और बाल भवन के सभी अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया और बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना की।
हरियाली तीज महोत्सव न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह सांस्कृतिक जागरूकता, महिला सहभागिता और बाल प्रतिभा को मंच प्रदान करने का माध्यम भी बनता है। जिला बाल कल्याण परिषद द्वारा आयोजित यह आयोजन स्थानीय समाज के लिए प्रेरणादायक रहा।