-हर्षवर्धन पान्डे-
देश का हृदयस्थल कहा जाने वाले मध्यप्रदेश डॉ. मोहन यादव के विजनरी नेतृत्व में हाल के वर्षों में औद्योगिक और आर्थिक विकास के क्षेत्र में एक नया गढ़ बनकर उभर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपनी दूरदर्शी नीतियों के माध्यम से मध्यप्रदेश में निवेश को आकर्षित करने और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उनकी इन्वेस्टर्स फ्रैंडली नीतियों और ग्लोबल स्तर पर मध्यप्रदेश की ब्रांडिंग करने की कारगर रणनीति ने राज्य को निवेश का एक प्रमुख केंद्र बना दिया है। डॉ.मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने न केवल निवेश के मोर्चे पर अनेक सफलताएं हासिल की है, बल्कि आर्थिक विकास और औद्योगिक नवाचार में भी नई ऊँचाइयाँ छुई हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए अनुकूल बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनके नेतृत्व में राज्य सरकार ने अनेक इन्वेस्टर्स फ्रेंडली-मित्र नीतियाँ लागू की हैं, जो निवेशकों को आकर्षित करने में सहायक सिद्ध हुई हैं। मध्यप्रदेश में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता, वन संपदा, निरंतर बिजली आपूर्ति और सड़क, रेलवे, व वायु मार्ग का मजबूत नेटवर्क होने के चलते यहाँ पर वर्तमान में निवेशकों के लिए एक आदर्श माहौल मिल रहा है। मोहन सरकार की निवेश नीति निवेशकों के लिए अत्यंत अनुकूल है। यहाँ पर स्टार्ट-अप्स को विशेष प्रोत्साहन और उद्योगों के लिए समयबद्ध अनुमतियाँ सुनिश्चित की जाती हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्षेत्रीय स्तर पर इंडस्ट्री कॉन्क्लेव की शुरुआत की जिससे प्रदेश के हर कोने में औद्योगिक विकास को नई गति मिल रही है। उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा, सागर, नर्मदापुरम जैसे शहरों में आयोजित इन कॉन्क्लेव्स ने स्थानीय स्तर पर निवेशकों को आकर्षित किया है। आज उद्योगपति मोहन सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों की सराहना कर रहे हैं। ये कॉन्क्लेव न केवल राज्य में व्यापक निवेश को प्रोत्साहित कर रहे हैं, बल्कि इससे स्थानीय उद्यमियों और छोटे-मध्यम उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिल रहा है। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने एमएसएमई सेक्टर के लिए 5000 करोड़ रुपये के अनुदान की घोषणा की है, जिससे छोटे निवेशकों की बांछे खिली हुई हैं। मोहन सरकार ने अपने कार्यकाल में औद्योगिक विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप तैयार कर लिया है जिसमें औद्योगिक पार्कों को बढ़ावा देने के साथ स्मार्ट औद्योगिक टाउनशिप विकसित करने पर जोर दिया गया है। इस पहल से रोजगार के नए अवसर न केवल मिलेंगे बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। हाल ही में लुधियाना में आयोजित इंटरैक्टिव सेशन में एमपी को 15, 606 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए आदर्श गंतव्य बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इसका जीता जागता उदाहरण रहा जहाँ मोहन का मैजिक इस कदर चला कि इस समिट में 30 लाख 77 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जो प्रदेश के आर्थिक विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इससे पहले भी एमपी में निवेशक सम्मेलन आयोजित होते रहे लेकिन बड़े निवेश के प्रस्ताव राज्य को नहीं मिल पाए। डॉ. मोहन यादव की मजबूत इच्छा शक्ति का परिणाम है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से उन्होनें देश और दुनिया में एमपी की पताका फहरा दी। मध्यप्रदेश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए डॉ. मोहन यादव ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 को एक महत्वपूर्ण मंच बनाया है। भोपाल में 24-25 फरवरी 2025 को आयोजित इस समिट ने 30.77 लाख करोड़ रुपये के निवेश समझौतों को आकर्षित किया जो मध्यप्रदेश की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगे। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 की सफलता का श्रेय मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की कुशल रणनीति को जाता है जिसमें देश और विदेश में बड़े रोड शो आयोजित किए गए। इसी तरह से उज्जैन, जबलपुर, ग्वालियर, रीवा और सागर, नर्मदापुरम जैसे शहरों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया जिससे राज्य के सभी हिस्सों में निवेश को प्रोत्साहन मिला। इन समिट्स ने लगभग 75, 000 रोजगार अवसर सृजित किए। इस समिट में विभिन्न क्षेत्रों जैसे एविएशन, आईटी, कृषि और शहरी विकास में निवेश के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। मोहन के नेतृत्व में मध्यप्रदेश अब केवल स्थानीय स्तर पर ही नहीं, बल्कि वैश्विक निवेशकों के लिए भी एक आकर्षक गंतव्य बन रहा है।
27-31 जनवरी 2025 को हुई डॉ. मोहन यादव की जापान यात्रा मध्यप्रदेश के निवेश परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण कदम थी। इस यात्रा के दौरान जापान को जीआईएस 2025 में ‘पार्टनर कंट्री’ के रूप में शामिल किया गया। जापान की प्रमुख कंपनियाँ जैसे टोयोटा, ब्रिजस्टोन, योकोगावा, यूनिक्लो, और पैनासोनिक ने समिट में भाग लिया और एमपी में इन्वेस्टमेंट करने में दिलचस्पी दिखाई। इस यात्रा में कृषि, डेयरी-फूड प्रोसेसिंग, फिनटेक, आईटी, रोबोटिक्स, फार्मास्युटिकल्स, मेडिकल डिवाइस, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटोमोबाइल, शहरी-औद्योगिक बुनियादी ढांचा, और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर फोकस किया गया।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल के वर्षों में अपनी विदेश यात्राओं के माध्यम से राज्य को वैश्विक निवेश के नक्शे पर स्थापित करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। उनकी रणनीतिक और लक्ष्य-केंद्रित यात्राएँ, विशेष रूप से यूनाइटेड किंगडम, जर्मनी, जापान, दुबई और स्पेन जैसे देशों में मध्यप्रदेश को औद्योगिक और आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुई हैं। इन यात्राओं का मुख्य उद्देश्य विदेशी निवेश को आकर्षित करना, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना और राज्य की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मंच पर प्रचारित करना रहा। डॉ.मोहन यादव की विदेश यात्राओं में प्रमुख उद्योगपतियों, व्यापारिक संगठनों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ अनेक वन-टू-वन बैठकें हुई। इन बैठकों में मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीतियों, निवेश के अवसरों और सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सुविधाओं को प्रभावी ढंग से बड़े मंच पर प्रस्तुत किया गया। इसके अलावा राज्य की सांस्कृतिक और पर्यटन क्षमता को भी वैश्विक मंच पर उजागर किया गया जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक क्षेत्र में एमपी के कद में इजाफा हुआ है।
डॉ.मोहन यादव की नवंबर 2024 में यूके और जर्मनी की छह दिवसीय यात्रा ने मध्यप्रदेश को निवेश के लिए आकर्षक डेस्टिनेशन बना दिया। इस दौरान यूके के लंदन और बर्मिंघम, साथ ही जर्मनी के म्यूनिख और स्टटगार्ट में प्रमुख उद्योगपतियों के साथ बैठकें की गईं। इन बैठकों के परिणामस्वरूप 78, 000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए जिनमें ऑटोमोबाइल, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्र शामिल थे। एक तरह यूके में वारविक यूनिवर्सिटी के साथ शैक्षणिक और शोध सहयोग पर चर्चा हुई वहीँ दूसरी तरह जर्मनी में एसएफसी एनर्जी और लेप ग्रुप जैसे संस्थानों के साथ तकनीकी साझेदारी की संभावनाएँ तलाशी गईं। इसी तरह से जनवरी 2025 में जापान की चार दिवसीय यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने ऑटोमोबाइल, फार्मास्युटिकल, टेक्सटाइल और प्रोसेस्ड फूड जैसे क्षेत्रों में निवेश के लिए जापानी कंपनियों के साथ सकारात्मक चर्चाएँ की। इस यात्रा ने मध्यप्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2025 के लिए जापानी निवेशकों को आकर्षित करने में सफलता प्राप्त की। हाल ही में सम्पन्न दुबई यात्रा में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने डीपी वर्ल्ड, जेबेल अली फ्री ज़ोन (जाएफजा) और भारतीय उद्यमियों के साथ रणनीतिक बैठकें कीं। इन बैठकों में भारत मार्ट जैसे वैश्विक व्यापार केंद्र की स्थापना पर सहमति बनी। बीएमडब्ल्यू डेवलपर्स (2, 750 करोड़), कोनारेस मेटल (640 करोड़) और रिलायंस डिफेंस (250 करोड़) जैसे निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। अरब संसद के अध्यक्ष मोहम्मद अल यामाहि ने भी मध्यप्रदेश में निवेश के लिए हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। स्पेन के बार्सिलोना और मैड्रिड में मोहन यादव ने टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और डाटा सेंटर जैसे क्षेत्रों में निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। बार्सिलोना में सबमर कंपनी के साथ 3, 800 करोड़ रुपये के डाटा सेंटर की स्थापना के लिए एमओयू साइन किया गया। रॉका ग्रुप के साथ देवास में 164.03 करोड़ रुपये के निवेश और 445 लोगों को रोजगार प्रदान करने पर संतुष्टि व्यक्त की गई। हेलोटेक्स ग्रुप के साथ वस्त्र उद्योग के विस्तार और एसएसएल-कोटिंग्स के साथ टिकाऊ सड़क निर्माण तकनीक टेरा-3000 पर चर्चाएँ हुई। स्पेन में लालीगा लीग मुख्यालय के दौरे के दौरान फुटबॉल इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेनिश कोचिंग आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर सहमति बनी जिससे मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों जैसे साँची और भीमबैठका का वैश्विक प्रचार होगा। स्पेन में मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने अपनी यात्राओं के दौरान मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत और पर्यटन क्षमता को भी बेजोड़ ढंग से प्रस्तुत किया। स्पेन में प्रवासी भारतीय समुदाय से मुलाकात के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति की तुलना दूध में शक्कर घुलने से की और मध्यप्रदेश की समृद्ध विरासत को उजागर किया। इस यात्रा में उज्जैन, खजुराहो, साँची जैसे पर्यटन स्थलों को वैश्विक मंच पर एक नयी पहचान मिली जिससे पर्यटन क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास की संभावनाओं पर इजाफा होगा।
मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की दुबई और स्पेन यात्रा से 11, 000 करोड़ रुपये का निवेश प्राप्त हुआ जिससे 15, 000 युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित हुए। इन विदेश यात्राओं के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश को अब तक कुल 31, 551 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं जिनसे 17, 827 से अधिक लोगों के लिए रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने मध्यप्रदेश को न केवल औद्योगिक बल्कि आध्यात्मिक और वेलनेस हब के रूप में भी स्थापित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। पिछले दिनों उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट 2025 में 1950 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इस समिट ने मध्यप्रदेश को भारत के वेलनेस मिशन का नेतृत्व करने वाला राज्य बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में मेडिसिटी की स्थापना और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के साथ समझौता इस दिशा में उनकी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। उत्तराखंड के ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन जैसे आध्यात्मिक संगठनों ने भी उज्जैन में केंद्र स्थापित करने के लिए पत्र सौंपा है जो प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को और समृद्ध करेगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अचारपुरा में 406 करोड़ के निवेश वाली 5 औद्योगिक इकाइयों का भूमि-पूजन किया और 8 उद्योगों के निवेशकों को भूमि आवंटन के आशय-पत्र भी सौपें जिसमें 406 करोड़ रूपये का निवेश और 1500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण बनाने पर पहले से ही विशेष जोर दिया है। आज मध्यप्रदेश में सरप्लस बिजली, उत्कृष्ट बुनियादी ढांचा और कुशल मानव संसाधन उपलब्ध हैं। अब प्रदेश में उद्योग-अनुकूल नीतियां निवेशकों को इन दिनों खूब लुभा रही हैं। सरकार द्वारा निवेशकों को प्लग एंड प्ले मॉडल, तेज़ स्वीकृति प्रक्रियाएँ और बेहतर लॉजिस्टिक्स जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसके अतिरिक्त 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए कस्टमाइज्ड नीतियां, सिंगल विंडो सिस्टम को प्रोत्साहन और विभिन्न विभागों की तरफ से विशेष सहयोग उपलब्ध कराया जा रहा है जो निवेशकों के लिए अतिरिक्त बूस्टर डोज का काम कर रहा है। नीति आयोग ने भी मध्यप्रदेश को तेजी से प्रगति करने वाले राज्यों में अग्रणी माना है जो मुख्यमंत्री डॉ. यादव के दूरदर्शी नेतृत्व की व्यापक प्रभावशीलता को दिखा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का विजन मध्यप्रदेश को 2047 तक भारत की अर्थव्यवस्था में 6% योगदान देने वाला राज्य बनाना है। भारतीय उद्योग परिसंघ की रिपोर्ट के अनुसार मध्यप्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 2047-48 तक 2.1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है। डॉ. मोहन यादव का कुशल और दूरदर्शी नेतृत्व मध्यप्रदेश को न केवल औद्योगिक और शहरी विकास में बल्कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक क्षेत्र में भी एक ग्लोबल पहचान दिलाने की दिशा में अग्रसर है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश ने बेहद कम समय मे निवेश और औद्योगिक विकास के क्षेत्र में एक नया अध्याय लिखा है। यह न केवल मध्यप्रदेश की आर्थिक प्रगति का प्रतीक है बल्कि भारत के विकास में भी एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। इस निवेश ने मध्यप्रदेश को निवेशकों के लिए न केवल एक आदर्श डेस्टिनेशन बनाया है बल्कि प्रधानमंत्री मोदी के विकसित भारत बनाने की दिशा में यह एक सधा हुआ कदम है।
(लेखक वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं)