नई दिल्ली, (वेब वार्ता)।भारत सरकार ने एक बड़ा और कड़ा फैसला लेते हुए उल्लू (Ullu), ALTT, DesiFlix, BigShots, PrimePlay और अन्य कई OTT प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगा दिया है। इन ऐप्स पर अश्लील और सॉफ्ट-पोर्न कंटेंट को बढ़ावा देने और आईटी अधिनियम व भारतीय दंड संहिता (IPC) के उल्लंघन का आरोप है।
यह निर्णय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा देशभर से प्राप्त सैकड़ों शिकायतों के बाद लिया गया। नागरिकों, सामाजिक संगठनों और डिजिटल नैतिकता पर कार्य करने वाले समूहों की शिकायतों में इन ऐप्स पर सार्वजनिक नैतिकता को ठेस पहुंचाने वाला कंटेंट, विशेषकर नाबालिगों के लिए सुलभ अश्लील सामग्री, दिखाने का आरोप था।
क्या था सरकार का तर्क?
सरकारी जांच में पाया गया कि ये प्लेटफॉर्म्स 18+ वेब सीरीज़ के नाम पर सॉफ्ट-पोर्न और स्पष्ट यौन दृश्य परोस रहे थे, जो आईटी नियम 2021, आईपीसी की धारा 292 व 293, तथा आईटी अधिनियम की धारा 67 व 67A का स्पष्ट उल्लंघन है।
इसके अलावा POCSO एक्ट के तहत भी इन प्लेटफॉर्म्स पर संदेह जताया गया कि उनके कंटेंट से नाबालिगों के यौन शोषण को बढ़ावा मिल सकता है।
कौन-कौन से ऐप्स हुए बैन?
सरकार द्वारा जिन ऐप्स को प्रतिबंधित किया गया है, उनमें शामिल हैं:
Ullu , ALTT (पूर्व में ALTBalaji), BigShots, DesiFlix, HotHit, PrimePlay, Boomex, Navrasa Lite, Soul Talkies, ShowX, Feneo, Adda TV, HotX VIP, MoodX, NeonX, VIP, Fuggi, MozFlix, TriFlix, Gulab App, Kangan App, Bull App, Jalwa App, Wow Entertainment, Look Entertainment, और अन्य 25 ऐप्स।
इनमें से कई ऐप्स क्षेत्रीय भाषाओं में भी आपत्तिजनक कंटेंट बना रहे थे, जिससे ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में भी अश्लीलता की पहुंच बढ़ रही थी।
OTT प्लेटफॉर्म्स को लेकर रेगुलेशन की चुनौती
सरकार ने OTT प्लेटफॉर्म्स को शुरू में सेल्फ रेगुलेशन यानी आत्मनियंत्रण की छूट दी थी। इसके तहत उन्हें आईटी नियमों के तहत अपने कंटेंट को नियंत्रित करना था, लेकिन कई प्लेटफॉर्म्स ने इस नीति का दुरुपयोग किया और अश्लीलता को मनोरंजन के नाम पर परोसा।
जुआ और सट्टेबाजी ऐप्स पर भी कार्रवाई
सिर्फ OTT ही नहीं, सरकार ने ऑनलाइन जुए और सट्टेबाजी से जुड़ी गतिविधियों पर भी बड़ा एक्शन लिया है।
2022 से जून 2025 के बीच, सरकार ने कुल 1,524 अवैध वेबसाइट्स और ऐप्स को बैन किया है जो ऑनलाइन जुए और बेटिंग को बढ़ावा दे रही थीं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्यमंत्री जितिन प्रसाद ने संसद में बताया कि इन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध इसलिए जरूरी हो गया था क्योंकि ये विदेशी कंपनियां भारतीय कानूनों और कर नियमों का उल्लंघन कर रही थीं।
OTT और डिजिटल मीडिया की पहुंच आज हर जेब तक है। ऐसे में यह ज़रूरी है कि मनोरंजन के नाम पर परोसी जा रही अश्लीलता पर संवेदनशील और संतुलित नियंत्रण रखा जाए। भारत सरकार का यह कदम एक नैतिक और विधिक चेतावनी है कि डिजिटल स्पेस भी कानून और समाजिक जिम्मेदारियों से परे नहीं हो सकता।