बैंकॉक/नोम पेन्ह, (वेब वार्ता)। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर तनाव एक बार फिर भयावह रूप ले चुका है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से विवादित सीमा क्षेत्र में हुई ताज़ा झड़पों में कंबोडियाई सेना द्वारा दागे गए रॉकेट थाईलैंड की सीमा में आ गिरे, जिससे कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के बाद इलाके में भारी दहशत का माहौल है और हजारों स्थानीय लोग जान बचाने के लिए अपने घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों की ओर पलायन कर रहे हैं।
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं, जबकि दर्जनों लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई मकानों को गंभीर नुकसान पहुंचा है और बुनियादी ढांचे पर भी प्रभाव पड़ा है।
सीमा विवाद बना कारण
यह संघर्ष दोनों देशों के बीच लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में हुआ है, खासकर प्रीह विहार मंदिर के आस-पास के इलाके को लेकर। यह मंदिर यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, लेकिन इसके आसपास की भूमि पर थाईलैंड और कंबोडिया दोनों अपना अधिकार जताते रहे हैं।
गोलाबारी और जवाबी कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, कंबोडिया की ओर से की गई रॉकेट फायरिंग के बाद थाईलैंड की सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की, जिससे स्थिति और अधिक गंभीर हो गई। दोनों पक्षों की सेनाएं फिलहाल हाई अलर्ट पर हैं और सीमा पर भारी सैन्य जमावड़ा देखा जा रहा है।
स्थानीय लोग दहशत में
इस संघर्ष से सबसे अधिक प्रभावित आम नागरिक हो रहे हैं। सीमा से लगे थाई गांवों में रहने वाले लोग रातों-रात अपने घरों को छोड़ने पर मजबूर हो गए हैं। अस्थायी शिविरों में उन्हें शरण दी जा रही है, लेकिन खाने-पीने और स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है।
अंतरराष्ट्रीय चिंता और शांति की अपील
इस ताजा झड़प के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने चिंता जाहिर की है। संयुक्त राष्ट्र और ASEAN (एसोसिएशन ऑफ साउथईस्ट एशियन नेशन्स) ने दोनों देशों से संयम बरतने और वार्ता के माध्यम से समाधान निकालने की अपील की है।
सरकारी प्रतिक्रिया
थाईलैंड के रक्षा मंत्रालय ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कंबोडिया से तत्काल जवाब मांगा है, वहीं कंबोडियाई अधिकारियों का दावा है कि उन्होंने केवल आत्मरक्षा में कार्रवाई की।
निष्कर्ष
सीमा पर बढ़ती हिंसा न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को बिगाड़ रही है, बल्कि आम नागरिकों की जान को भी खतरे में डाल रही है। ऐसे में यह आवश्यक हो गया है कि दोनों पक्ष तत्काल संघर्षविराम करें और कूटनीतिक माध्यम से इस विवाद का शांतिपूर्ण समाधान निकालें।