गाजा, (वेब वार्ता)। गाजा के अंदर इजरायल का सैन्य अभियान ने केवल जारी है बल्कि उसका दायरा भी बढ़ता जा रहा है. उसकी गोलियों के निशाने पर सिर्फ हमास और आम फिलिस्तीनी नागरिक ही नहीं हैं, बल्कि वो मानवीय सहायता देने में लगे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के कर्मचारियों को भी निशाना बना रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने सोमवार को कहा कि गाजा में उसकी फैसिलिटी भी इजरायली हमले की चपेट में आ गई हैं. वहीं दूसरी तरफ पश्चिमी देशों की तरफ से तत्काल युद्धविराम की मांग गूंज रही है. ब्रिटेन और 27 अन्य देशों ने गाजा में युद्ध को तत्काल समाप्त करने का आह्वान किया है, जहां उनका कहना है कि नागरिकों की पीड़ा “नई गहराई तक पहुंच गई है”.
डब्लूएचओ के ठिकाने पर इजरायल की दबिश, बंदूक की नोक पर पूछताछ
डब्लूएचओ प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेबियस ने कहा कि इजरायली सेना ने गाजा में इस संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के कर्मचारियों के आवास में प्रवेश किया, महिलाओं और बच्चों को पैदल जगह छोड़ने के लिए मजबूर किया, और बंदूक की नोक पर पुरुष कर्मचारियों को हथकड़ी लगाई, कपड़े उतार दिए और पूछताछ की.
द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार सोमवार को, इजरायली टैंकों को पहली बार दीर अल-बलाह के दक्षिणी और पूर्वी जिलों में भेजा गया. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां इजरायली सेना का मानना है कि हमास ने इजरायली बंधकों को रखा है. स्थानीय डॉक्टरों ने कहा कि क्षेत्र में टैंक की गोलाबारी ने घरों और मस्जिदों को निशाना बनाया, जिसमें कम से कम तीन फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.
वहीं डब्लूएचओ ने कहा, “इजरायली सेना ने परिसर में प्रवेश किया, सक्रिय संघर्ष के बीच महिलाओं और बच्चों को अल-मवासी की ओर पैदल जाने के लिए मजबूर किया. पुरुष कर्मचारियों और परिवार के सदस्यों को हथकड़ी लगाई गई, कपड़े उतार दिए गए, मौके पर ही पूछताछ की गई और बंदूक की नोक पर उनकी जांच की गई.”
एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया कि डब्लूएचओ के दो कर्मचारियों और परिवार के दो सदस्यों को हिरासत में लिया गया. इसमें कहा गया कि तीन को बाद में रिहा कर दिया गया, जबकि एक स्टाफ सदस्य हिरासत में है. डब्लूएचओ के महानिदेशक, टेड्रोस ने कहा: “डब्लूएचओ हिरासत में लिए गए कर्मचारियों की तत्काल रिहाई और अपने सभी कर्मचारियों की सुरक्षा की मांग करता है.”
इजरायल के खिलाफ साथ आ रहे पश्चिमी देश
21 महीने से अधिक की लड़ाई ने अबतक गाजा के 20 लाख से अधिक लोगों के लिए विनाशकारी मानवीय स्थिति पैदा कर दी है. ऐसी स्थिति में इजरायल के सहयोगी ब्रिटेन, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और 21 अन्य देशों, साथ ही यूरोपीय संघ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि युद्ध “अब समाप्त होना चाहिए”. इस संयुक्त बयान में कहा गया है, “गाजा में नागरिकों की पीड़ा नई गहराई तक पहुंच गई है.” उन्होंने बातचीत के जरिए युद्धविराम, फिलिस्तीनी आतंकवादियों द्वारा बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई और बहुत जरूरी सहायता के मुक्त प्रवाह का आग्रह किया.
वहीं इजरायल के विदेश मंत्री गिदोन सार ने 27 देशों के बयान की निंदा करते हुए कहा कि कोई भी अंतरराष्ट्रीय दबाव हमास पर होना चाहिए, जबकि इजरायल में अमेरिकी राजदूत माइक हुकाबी ने संयुक्त पत्र को “घृणित” कहा. हालांकि, प्रमुख मध्यस्थ माने जाने वाले मिस्र ने 27 देशों के संदेश का समर्थन किया.
गाजा में क्या हैं हालात, कहां पहुंची जंग?
पश्चिमी देशों की अपील देर अल-बलाह पर सोमवार को हुई भीषण गोलाबारी के बाद आई है. इसके एक दिन पहले इजराइली सेना ने यहां के निवासियों को इलाके से चले जाने का आदेश दिया था और उस क्षेत्र में जल्द कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी. संयुक्त राष्ट्र की मानवीय एजेंसी ओसीएचए के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, जब बाहर निकलने का आदेश जारी किया गया था तब 50,000 से 80,000 लोग उस क्षेत्र में थे.
आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, इजरायल पर हमास के 2023 के हमले में 1,219 लोगों की मौत हुई, जिनमें से अधिकांश इजरायली नागरिक थे. हमास के हमले के दौरान लिए गए 251 बंधकों में से 49 अभी भी गाजा में बंद हैं, जिनमें से 27 इजरायली सेना के अनुसार मारे गए हैं. वहीं गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजरायल की जवाबी सैन्य कार्रवाई में 59,029 फिलिस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से अधिकांश नागरिक हैं.