नई दिल्ली, (वेब वार्ता)। उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर राजनीति जारी है। उन्होंने सोमवार को स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा। हालांकि, कहा जा रहा है कि इस त्यागपत्र के तार जज के घर मिली नकदी के मामले को लेकर हुई बहस से जुड़े हैं। हालांकि, इसे लेकर धनखड़ या सरकार ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया है कि केंद्र से आए एक कॉल के बाद टकराव शुरू हो गया था, जिसके बाद उपराष्ट्रपति के पास सीमित विकल्प बचे थे।
रिपोर्ट के अनुसार, इस पूरे घटनाक्रम का केंद्र जस्टिस यशवंत वर्मा को हटाने के खिलाफ लाया गया विपक्ष का प्रस्ताव था। सोमवार को जब मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई, तो विपक्षी सांसदों ने नोटिस पेश किया। खास बात है कि धनखड़ ने नोटिस को स्वीकार कर लिया और सदन महासचिव से जरूरी कदम उठाने के लिए कहा गया। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्रों ने बताया कि धनखड़ का यह कदम केंद्र को रास नहीं आया। ऐसे में विपक्ष के नोटिस को स्वीकार करने के चलते सरकार के हाथ से न्यायाधीश और न्यायपालिका के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाने का मौका चला गया।
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया है कि केंद्र ने उपराष्ट्रपति से बात की और इस मुद्दे को उठाया। इसपर धनखड़ ने तीखी प्रतिक्रिया दी और बातचीत बहस में बदल गई। रिपोर्ट के मुताबिक, इस फोन कॉल के बाद धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थीं। ऐसे में जब धनखड़ को इस बात का पता चला, तो उन्होंने खुद ही पद से इस्तीफा दे दिया।
नड्डा और रिजिजू की अनुपस्थिति
विपक्ष ने इस मुद्दे को जमकर उठाया और बिजनेस एडवाइजरी कमेटी से केंद्रीय मंत्री जगत प्रकाश नड्डा और किरेन रिजीजू की गैर मौजूदगी का मुद्दा उठाया। रमेश ने लिखा, ‘कल जगदीप धनखड़ ने दोपहर साढ़े 12 बजे राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की। इसमें सदन के नेता जे पी नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजीजू सहित अधिकतर सदस्य उपस्थित थे। कुछ चर्चा के बाद, कार्य मंत्रणा समिति ने शाम साढ़े चार बजे दोबारा बैठक करने का निर्णय लिया।’
उन्होंने कहा, ‘शाम साढ़े चार बजे कार्य मंत्रणा समिति जगदीप धनखड़ की अध्यक्षता में दोबारा एकत्रित हुई। बैठक में नड्डा और रिजीजू के आने का इंतजार हो रहा था। वे नहीं आए।’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि धनखड़ को व्यक्तिगत रूप से यह सूचित नहीं किया गया था कि दोनों वरिष्ठ मंत्री बैठक में शामिल नहीं हो रहे और धनखड़ को इसका बुरा लगा तथा फिर उन्होंने कार्य मंत्रणा समिति की बैठक मंगलवार दोपहर एक बजे के लिए पुनर्निर्धारित कर दी।
रमेश ने दावा किया कि सोमवार अपराह्न एक बजे से शाम साढ़े चार बजे के बीच कुछ बहुत गंभीर घटना हुई जिसके कारण नड्डा और रिजीजू दूसरी कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में जानबूझकर अनुपस्थित रहे।
क्या बताई इस्तीफे की वजह
धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा, ‘स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं।