-100 साल बाद पड़ेगा पूर्ण सूर्यग्रहण, भारत में नहीं आएगा नजर
वॉशिंगटन, (वेब वार्ता)। पूर्ण सूर्य ग्रहण 2027 में लगेगा, जिसे सदियों में एक बार लगने वाला ग्रहण कहा जा रहा है। यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और अरब के कुछ हिस्सों में 2 अगस्त, 2027 को ये दुर्लभ पूर्ण सूर्यग्रहण दिखाई देगा। इस ग्रहण की खास बात इसका समय होगा। यह सूर्य ग्रहण 6 मिनट 23 सेकंड तक रहेगा। इससे यह करीब 100 साल का सबसे लंबा चलने वाला सूर्य ग्रहण होगा।
जानकारी के मुताबिक 2 अगस्त, 2027 का सूर्य ग्रहण खास होगा। दुनिया के बड़े हिस्से के लिए इस दौरान सूर्य आंखों से पूरी तरह ओझल हो जाएगा। दुनिया करीब छह मिनट के लिए अंधेरे में डूब जाएगी। यह सैकड़ों सालों के इतिहास का सबसे लंबा सूर्य ग्रहण होगा। अभी तक इतिहास का सबसे लंबा पूर्ण सूर्य ग्रहण 743 ईसा पूर्व हुआ था, जब 7 मिनट 28 सेकंड के लिए अंधेरा छा गया था।
2 अगस्त, 2027 में होने वाला सूर्य ग्रहण का पूर्ण पथ 275 किलोमीटर चौड़ा है। ऐसे में यह कई महाद्वीपों को कवर करेगा। अफ्रीका के ज्यादातर देशों से इसे देखा जा सकेगा। यह सूर्य ग्रहण अटलांटिक महासागर से शुरू होकर जिब्राल्टर जलडमरूमध्य, दक्षिणी स्पेन, उत्तरी अफ्रीका से अरब प्रायद्वीप तक जाएगा। हालांकि हिंद महासागर के ऊपर यह धुंधला नजर आएगा।
यह पूर्ण सूर्य ग्रहण सबसे पहले दक्षिणी स्पेन, जिब्राल्टर और मोरक्को में दिखाई देगा। इसके बाद अल्जीरिया, ट्यूनीशिया, लीबिया और मिस्र में सूर्य ग्रहण तब होगा, जब वह आकाश में अपने उच्चतम बिंदु पर होगा। मिस्र के बाद सूर्य ग्रहण लाल सागर को पार करते हुए सऊदी अरब, यमन और सोमालिया में अंधेरा कर देगा। स्पेन के काडिज और मलागा शहरों में चार मिनट से ज्यादा तक पूरी तरह से अंधेरा छा जाएगा।
2 अगस्त, 2027 का सूर्यग्रहण भारत और आसपास के देशों में दिखाई नहीं देगा। ऐसे में भारतीयों को निराशा हो सकती है। लीबिया का बेंगाजी इस सूर्य ग्रहण को देखने के लिए एक अच्छा स्थान होगा। मिस्र के ऐतिहासिक शहर लक्सर के पास छह मिनट तक घना अंधेरा रहेगा। इटली का लैम्पेडुसा द्वीप करीब पूरी तरह से ढका रहेगा। सऊदी अरब के जेद्दा और मक्का, यमन और सोमालिया के कुछ हिस्से ग्रहण देखने वाले अंतिम स्थान होंगे। एक्सपर्ट का कहना है कि 2027 के बाद इस तरह का सूर्य ग्रहण शायद 2114 में नजर आएगा।