मुंबई, (वेब वार्ता)। महिलाओं की अगुवाई वाले लगभग 80 प्रतिशत व्यवसायों को अंतरराष्ट्रीय भुगतान में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
‘एस्पायर फॉर हर’ और भुगतान समाधान प्रदाता पेओनियर की एक रिपोर्ट में यह जानकारी देते हुए बताया गया कि ऐसे 60 प्रतिशत व्यवसाय जटिल नियामक अनुपालन से जूझते हैं।
अर्थव्यवस्था में महिलाओं की बढ़ती भूमिका के बावजूद, उनके नेतृत्व वाले उद्यम भारत के 5.85 करोड़ व्यवसायों का सिर्फ 15.4 प्रतिशत हिस्सा हैं।
रिपोर्ट सीमा पार व्यापार में महिला उद्यमियों की बढ़ती महत्वाकांक्षाओं पर आधारित है। इसमें 300 से अधिक महिला उद्यमियों से बातचीत की गई। उन्होंने जिन चार प्रमुख चुनौतियों का जिक्र किया, उनमें अंतरराष्ट्रीय भुगतान और अनुपालन शामिल हैं। इन चुनौतियों का सामना महिलाएं वैश्विक स्तर पर अपने कारोबार का विस्तार करते समय करती हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 60 प्रतिशत महिला उद्यमी निर्यात कानूनों, व्यापार नियमों और जटिल अनुपालन आवश्यकताओं से जुझ रही हैं।
इसके अलावा कई महिला उद्यमियों को वित्त पोषण की कमी और भुगतान में देरी का सामना करना पड़ता है, जिससे वैश्विक स्तर पर उनके विस्तार की क्षमता सीमित हो जाती है।